लेखनी कहानी -#१५ पार्ट सीरीज चैलेंज पार्ट -14
#15 पार्ट सीरीज चैलेंज
महादेव शिव शंकर की कथाओं में निहित ज्ञान और प्रामाणिकता
पार्ट -14
कार्तिकेय का जन्म
जैसा कि मैने बताया था कि तारकासुर को वरदान प्राप्त था कि उसकी मृत्यु महादेव के पुत्र के हाथों होगी और महादेव वैरागी थे ब्रह्मचारी थे सो वह खुद को अमर समझ देवताओं और ऋषियों पर अत्याचार करने लगा तब सबने महादेव को विवाह कर लेने की सलाह दी !
ब्रह्मा द्वारा आदिशक्ति का जन्म उनके पुत्र दक्ष के घर सती के रूप में हुआ!
बहुत अपमान और बाधाओं के बीच उनका विवाह तो हुआ पर बात पुत्र तक नहीं पहुंच पाई !
प्रजापति दक्ष के यज्ञ में महादेव के अपमान पर सती ने आत्म दाह कर लिया!
महादेव प्रेम में दीवाने हुए और सती की देह के विष्णु के चक्र द्वारा टुकड़े होने पर ५१ शक्ति पीठों की स्थापना हुई!
आदिशक्ति को प्यार में वचन दे देने के कारण गंगा से वे विवाह नहीं कर सके !
बाणासुर के वध के लिए आदि शक्ति ने कन्याकुमारी का जन्म तो लिया पर नारद और गांव वालों के षडयंत्र के कारण उससे भी महादेव का विवाह नहीं हो सका !
अब हजारों सालों बाद पार्वती द्वारा कठोर तप कर महादेव को प्राप्त तो कर लिया परन्तु तपस्या के दौरान इंद्रादि देवताओं द्वारा तारकासुर का वध शीघ्र हो इस दृष्टि से पार्वती जब महादेव के पैर दबा रही थी तब कामदेव ने महादेव पर अपना बाण चलाया और महादेव ने उसे भस्म कर दिया!
पति के भस्म हो जाने से कामदेव की पत्नी रति ने पार्वती को दोषी मान श्राप दे दिया कि -" तुम्हारी वजह से मैं मां नहीं बन पाई, तुम भी कभी गर्भ से शिशु को जन्म नहीं दे पाओगी ! "
अब स्थिति यह थी कि पार्वती का जन्म महादेव के लिए इसीलिए हुआ था कि उनकी संतान तारकासुर का वध करेगी पर विवाह तो हो गया किन्तु रति के श्राप के कारण पार्वती गर्भ से संतान को जन्म नहीं दे सकती थी !
महादेव ने कहा -" मायूस मत हो पार्वती, बिना गर्भ धारण किए भी संतान हो सकती है! "
इसके बाद महादेव पार्वती का आत्मिक मिलन हुआ !
जब उनके प्रेम से उत्पन्न वीर्य की बूंद छलकने ही वाली थी कि तभी मिलन गुफा़ के द्वार पर इंद्र , अग्नि आदि देवता आकर चिल्लाने लगे -" महादेव दैत्यों ने आक्रमण कर दिया है कृपा कर हमारी रक्षा करें ! "
मिलन में बाधा पड़ने पर महादेव क्रोध से भर कर बाहर आये ! उनके वीर्य की बूंद छलक कर नीचे गिरने लगी , श्री हरि विष्णु ने महादेव के समीप खड़े अग्नि देव को कहा - " जल्दी लपको , महादेव की योग शक्ति से पूर्ण बेहद तेजस्वी बूंद जमीन पर ना गिरे ! " अग्नि देव ने तुरंत बूंद को हथेली पर ले
पर ये क्या? अग्नि देव जोर जोर से चिल्लाने लगे -" मैं जल रहा हूँ, मुझसे इसकी गर्मी सहन नहीं हो रही है !"
" नीचे मत गिराना " हरि बोले !
" जाओ इसे गंगा में छोड़ दो, वो इसकी गर्मी सह लेगी !" महादेव बोले !
गंगा में उस समय छ : कृतिकाएं स्नान कर रही थीं ! वह बूंद छ: भागों में विभाजित होकर उनके गर्भ में चली गई!
सारी कृतिकाएं प्रसव पीड़ा से कराहने लगीं !
*इसे धरती को दे दो*
गंगा बोली !
उन्होंने तुरंत उन शिशुओं को धरती पर रख दिया!
धरती ने शिशु के छ: मुख एक कर उसे एक बहुत शक्तिशाली पुत्र में परिवर्तित कर दिया!
कृतिकाएं बोलीं ,. - हमने इन्हें अपने गर्भ में रखा था तो ये हमारा पुत्र है। "
कहकर कृतिकाएं कार्तिकेय को लेकर ऊपर अपने ग्रह में चली गई!
महादेव ने पार्वती को समझाया "- उनको उसकी परवरिश करने दो सती ! "
समय आने पर अपनी शक्तियां हासिल कर वह पुन : पृथ्वी पर आ जा जाएगा! वो वहां सुरक्षित रहेगा! "
इस तरह पांच तत्वों - अग्नि, जल , वायु , धरती और गगन तत्वों द्वारा कार्तिकेय का जन्म हुआ!
युवा होने पर कार्तिकेय पृथ्वी पर आया , उसे पता चला कि महादेव और पार्वती उसके माता पिता हैं पर चूंकि कृतिकाओं के गर्भ से जन्म और पालन होने से वह कार्तिकेय कहलाया !
उसका जन्म जिस उद्देश्य से हुआ था वह तो होना ही था ! एक भीषण युद्ध में तारकासुर को कार्तिकेय ने मार दिया! तारकासुर चूंकि दक्षिण भारत में आतंक फैला रहा था इसलिए महादेव ने उसे दक्षिण में ही रहकर वहां की रक्षा करने को कहा !
देवताओं ने महादेव से कहा -" कार्तिकेय को दक्षिण भारत का राज्य देकर वहां का राजा बना दीजिए!
परन्तु महादेव बोले -' नहीं, उसको अपनी मेहनत परिश्रम से आगे बढ़ने दो !
महादेव ने उसे दक्षिण का सेनापति नियुक्त कर दिया!
*ज्ञान* :- १) इस संसार में कुछ भी असंभव नहीं हैं!
२) आज आप जो देख रहे हैं कि जब स्त्री गर्भ से मां नहीं बन सकती है तब सेरोगेट मदर अपने गर्भ में उसके पति का स्पर्म रखकर बन उनको बच्चा दे देती है! सब कुछ सनातन धर्म के पुराणों से ही विज्ञान ने लिया है!
३) महादेव ने बताया कि अपने पद का फायदा मत उठाओ, मेहनत परिश्रम से आगे बढ़ो !
*प्रामाणिकता* :- दक्षिण भारत में कार्तिकेय के अनेक मंदिर हैं !
वहां उन्हें मुरुगन के नाम से जानते हैं!
स्कंद माता पार्वती का पुत्र होने से उसके संपूर्ण जीवन पर लिखे पुराण का नाम *स्कंद पुराण* है !
दक्षिण में श्री शैलम पर्वत पर कार्तिकेय ने तारकासुर का वध किया था, वहां मल्लिकार्जुन में वो स्थान और मंदिर है।
अपर्णा गौरी शर्मा
Abhilasha Deshpande
05-Jul-2023 03:05 AM
उत्तम जानकारी
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वानी
16-Jun-2023 07:10 PM
Nice
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Punam verma
15-Jun-2023 08:31 AM
Very nice
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